उत्तराखंड में शहरों के बजाय देहात क्षेत्रों में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में मौत का आंकड़ा बहुत ज्यादा है। परिवहन विभाग की ओर से तैयार की गई रिपोर्ट के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्रों में जान जाने की संख्या कुल का 70.8 फीसदी है। रिपोर्ट के मुताबिक नेशनल हाईवे पर यह 62 फीसदी है, जबकि वहीं स्टेट हाईवे पर यह 19 फीसदी है। हादसों को कम करने के लिए सड़क सुरक्षा समिति ने संबंधित विभागों के अधिकारियों को एहतियाती कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में गठित सड़क सुरक्षा समिति ने निर्देश जारी किए हैं कि हादसों के लिहाज से संवेदनशील ऊधमसिंह नगर, देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल व टिहरी जिलों में प्रभावी ‘ऑपरेशनल मैकेनिज्म’ विकसित करने के साथ ही अन्य एहतियाती कदम उठाए जाएं।
मानीटरिंग कमेटी ने बढ़ते हादसों पर चिंता जताते हुए कहा है कि राज्य में मोटरयान नियमों का अनुपालन संतोषजनक नहीं है। ऐसे गाड़ियों की जांच में तेजी लाई जाए। यह सुनिश्चित कराया जाए कि चार पहिया चालक बगैर सीट बेल्ट के गाड़ी न चला पाएं। साथ ही नेशनल हाईवे, स्टेट हाईवे पर सघन जांच करने के साथ ही गाड़ियों की गति पर नियंत्रण लगाने को प्रभावी कदम उठाए जाएं। सभी जिलों में हाईवे पर होने वाले हादसों के आंकड़ों के आधार पर संवेदनशील स्थलों का चयन किया जाए और वहां हादसों को रोकने के लिए एहतियाती कदम उठाए जाएं।
परिवहन विभाग के अधिकारियोें को शहरों के बजाय देहात क्षेत्रों में जांच अभियान पर खासा फोकस करना होगा, ताकि हादसों को रोका जा सके। इसके साथ ही नेशनल हाईवे व स्टेट हाईवे पर दुर्घटना संभावित इलाकों में स्ट्रीट लाइट की पर्याप्त व्यवस्था की जाए ताकि रात के समय होने वाले हादसों को रोका जा सके। सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित मानीटरिंग कमेटी के निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन कराने को कहा गया है। पुलिस व परिवहन विभाग के संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। साथ ही परिवहन विभाग के अधिकारियों को हिदायत दी गई है कि वे शहरों के बजाय ग्रामीण क्षेत्रों में वाहनों की सघन जांच पर ज्यादा फोकस करें। इस कार्य की समय समय पर समीक्षा की जा रही है।
मानीटरिंग कमेटी ने बढ़ते हादसों पर चिंता जताते हुए कहा है कि राज्य में मोटरयान नियमों का अनुपालन संतोषजनक नहीं है। ऐसे गाड़ियों की जांच में तेजी लाई जाए। यह सुनिश्चित कराया जाए कि चार पहिया चालक बगैर सीट बेल्ट के गाड़ी न चला पाएं। साथ ही नेशनल हाईवे, स्टेट हाईवे पर सघन जांच करने के साथ ही गाड़ियों की गति पर नियंत्रण लगाने को प्रभावी कदम उठाए जाएं। सभी जिलों में हाईवे पर होने वाले हादसों के आंकड़ों के आधार पर संवेदनशील स्थलों का चयन किया जाए और वहां हादसों को रोकने के लिए एहतियाती कदम उठाए जाएं।
परिवहन विभाग के अधिकारियोें को शहरों के बजाय देहात क्षेत्रों में जांच अभियान पर खासा फोकस करना होगा, ताकि हादसों को रोका जा सके। इसके साथ ही नेशनल हाईवे व स्टेट हाईवे पर दुर्घटना संभावित इलाकों में स्ट्रीट लाइट की पर्याप्त व्यवस्था की जाए ताकि रात के समय होने वाले हादसों को रोका जा सके। सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित मानीटरिंग कमेटी के निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन कराने को कहा गया है। पुलिस व परिवहन विभाग के संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। साथ ही परिवहन विभाग के अधिकारियों को हिदायत दी गई है कि वे शहरों के बजाय ग्रामीण क्षेत्रों में वाहनों की सघन जांच पर ज्यादा फोकस करें। इस कार्य की समय समय पर समीक्षा की जा रही है।